सात दिसम्बर
2017 की रात एक दुर्घटना ने मेरे जीवन में अनेक नये अनुभव जोड़ दिए। रोज की तरह जिम
से, स्कूटी पर लौटते हुए, मैं अपनी कॉलौनी तक पहुँचने वाली थी। डिवाईडर के कट पर खड़ी
हुई थी, बस सड़क को पार कर सामने जाना था। हेलमेट पहने हुए थी। मैंने सीधे हाथ का इंडीकेटर
दे दिया था। वाहन एक के बाद एक आ रहे थे, मेरी नजर बाँईं तरफ़ लगी हुई थी। जब मैंने
देखा कि अगला वाहन कुछ दूर है तो सड़क पार करने लगी। थोडा सा बढ़ी थी कि सहसा एक बीस-बाईस
साल के मोटर साईकिल सवार लड़के ने मेरी स्कूटी में जोर से ट्क्कर मार दी। वह लड़का इतनी
तीव्रता से आया कि न तो मुझे वह आता हुआ दिखा और न ही मुझे टक्कर होने की आवाज सुनाई
दी, जो लोगों को काफ़ी
दूर तक सुनाई दी थी। मुझे केवल पता चला कि मुझे कुछ हुआ है। शायद हल्की सी बेहोश हो
चुकी थी। बस इतना ध्यान रहा कि कोई पूछ रहा है कि आपके पति का क्या नाम है, जो मैंने
बता दिया। पूछने वाले पास ही स्थित पुलिस चौकी के आदमी थे।