किसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर
आधारित कहानी को गहराई से समझने के लिए, उसके देशकाल, वातावरण, और उद्देश्य से अवगत होना आवश्यक है। शतरंज
के खिलाड़ी महान उपन्यासकार प्रेमचन्द की वाजिद अली शाह के शासनकाल को चित्रित करती
हुई एक उत्कृष्ट रचना है।
वाजिद अली शाह लखनऊ और अवध के
नबाब थे जिनका शासनकाल सन 1847 से 1856 तक
रहा। इसी समय अंग्रेजों ने भी भारत में शासन किया। यह हिन्दी
साहित्य के इतिहास का आधुनिक काल था जिसके पूर्व
रीतिकाल में साहित्य रचना राजदरबारों तक सीमित हो
गई थी। इस समय कवियों को राज
दरबारों में आश्रय प्राप्त था जो राजाओं की चाटुकारिता में कविताएं लिखते थे।
रीतिकाल के बाद हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल में खड़ी बोली गद्य
का आविर्भाव हुआ। इस समय के प्रमुख लेखकों में प्रेमचन्द ने सर्वप्रथम यथार्थवाद
को अपने उपन्यासों और कहानियों में स्थान दिया। उनका यथार्थवाद तत्कालीन राजनीतिक,
सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियों से प्रभावित था।