रांगेय राघव का लिखा रिपोर्ताज तूफानों के बीच हिन्दी साहित्य की एक अमूल्य कृति है जिसको उन्होंने
चार भागों में लिखा है- बाँध भाँगे दाओ, एक रात, मरेंगे साथ जिएंगे
साथ एवं अदम्य जीवन । यह रिपोर्ताज
सन् 1942-44 के अन्तराल में बंगाल में पड़ने वाले भीषण अकाल की भयावहता का साक्षी है,
जिसे पढ़कर वहाँ की विषम परिस्थितियों से उत्पन्न लेखक के अन्तर्मन की व्याकुलता प्रकट
होती है।